हर ठूँठे पेड़ में
हर टूटे सपने में
इक आस है
भले हो वह ठूँठा अब,
पतझड़ भले ही हो जीता
पर बसंत इ पहली किरण...
उसके आने का सन्देश
नवीन पत्तों को जन्म देकर
सबसे पहले वही देगा
जो आज खड़ा है ठूँठा!
भले ही वह टूटा अब,
निराशा भले हो जीती
पर आशा की पहली किरण...
उसके आने का सन्देश
फिर से नवीन जन्म लेकर
सबसे पहले वही देगा
जो आज है टूटा!
Its your creation?
ReplyDeleteYeah..a long time back one though...Why?
ReplyDeleteIts nice!!
ReplyDeleteregeneration...the virtue of life!
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